Monday, March 17, 2014

मोदी लहर

मोदी लहर है एक अफवाह 
हिटलर के वारिसों की वाह वाह 
उठेगी बनारस से जो चिंगारी 
खाक करदेगी नगपुरिया मक्कारी
सिखलायेगी सबक इनको काशी
बनेगी जो मोदियापे की सत्यानाशी
नमो नमो स्वाहा, संघी जहालत स्वाहा
अंबानी की दलाली स्वाहा
अदानी की दीवानगी स्वाहा
टाटा की सेवा स्वाहा
काली टोपी स्वाहा
खाकी निक्कर स्वाहा
(ईमिः17.03.2014)

11 comments:

  1. बुरा ना मानो होली है ।

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  2. आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति बुधवारीय पहेली चर्चा चर्चा मंच पर ।।

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (19-03-2014) को समाचार आरोग्य, करे यह चर्चा रविकर : चर्चा मंच 1556 (बुधवारीय पहेली) पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. शुक्रिया सर, देर से देखा इसलिए चर्चा में शगीक न हो पायो.

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  4. हसीं खाब है एक दीवाने का

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  5. हसीं खाब है एक दीवाने का

    मोदी को धकियाने का।

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  6. हसीं खाब है एक दीवाने का

    मोदी को धकियाने का।

    पग पग ठोकर खाने का।

    खुद को ही ठगियाने का

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    1. शौक है अपना मोदिआए ज़ाहिलों को रुलाने का
      खॉब हो हमारा एक सुंदर दुनिया बनाने का
      हरामखोरी और दुख-दर्द को दूर भगाने का
      समता और जनवाद के ज़ज़्बात को जगाने का
      किया फैसला हमने कंटीले रास्तों पर चलने का
      पग-पग पर मौजूद ठोकरों को धता बताने का
      नभ में चमक रही थी चपला
      फिर भी नहीं तनिक मैं विचला
      ओलों की बूंदाबांदी में
      उदधि थहाने था जब निकला
      छेड़ा है फासीवादी मंसूबों के खिलाफ अभियान
      चलता रहेगा जब तक जान में है जान
      मिचा देंगे मोदियापे का नाम-ओ-निशान
      लायेंगे ही हम दुनिया में एक नया बिहान
      जागेगा इस मुल्क का छात्र-ओ-नवजवान
      दफ्न हो जायेगा तब मोदियापे का शैतान
      मुक्त होगा ज़ुल्म से मजदूर-ओ-किसान
      मिट जायेगा ज़ुल्म-ओ-सितम का निशान
      बनेगा तब इंसानियत का आलीशान मकान
      न कोई रंक होगा न होगा कोई राजा
      ताज़-ओ-तख्त तब बज जायेगा बाजा.

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