Tuesday, July 23, 2013

बीता वक़्त


बीता वक़्त आता नहीं लौटकर
खींच जाता है मन पर
सुख और अवसाद की टेढी-मेढ़ी रेखाए
सजा हो जिसे याद करना
वह याद कुछ ज्यादा ही आता है
कभी कभी सज़ा में भी कुछ मज़ा आता है
[ईमि/२३.०७.२०१३]

No comments:

Post a Comment