Saturday, July 27, 2013

लल्ला पुराण १०४





जी हाँ, मुझे भ्रष्टाचार और निकम्मेमन से स्खलित इस देश की असंवैधानिक बन चुकी संवैधानिक व्यस्थाओं में यकीन नहीं है. जितने मशहूर मुठभेड़ विशेश्ग्य हुए हैं ज्यादार या तो जेलों में हैं या आपसी रंजिश में मारे गए जैसे राजबीरआदि . हमने अपनी रेपर्ट आपके विचारार्थ  पेश की है स्वीकृति की अपेक्षा नहीं.

Under which constitution fake encounters take place? SUPREME Court appointed Juatice Bhagvati commission has investigated into 22 fake encounters in Gujarat  alone. Are the Banjaras/Pandeys and other Police officials facing charges were performing their constitutional duties or were serving the personal whims of politicians interested in creating communal polarization  for electoral gains. Yes this verdict is travesty of justice leaving many unanswered questions  raised by us. judges too are human beings and can err. This judgement is based on presumptions and prejudices and not on

श्रीनिवास जी हम लोग अपनी सीमित क्षमता में मानवाधिकार के उल्लंघन के यथा संभव मुद्दों पर स्टैंड लेते रहते हैं और आवाज उठते रहते हैं, काश आप जैसे प्रज्ञावान और निष्ठावान लोग जुड़ते तो इसका प्रभाव क्षेत्र व्यापक हो जाता. जनहस्तक्षेप कम्युनिस्ट संगठन नहीं है  इसके ज्यादातर   सदस्य (मुझे मिलाकर)गैर  कम्युनिस्ट  जनतांत्रिक नागरिक हैं. .

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